भूमिका
भारत गणराज्य के प्रधानमंत्री भारतीय राजनीति के उच्चतम पद होते हैं। इस पद को भारतीय संविधान ने स्थापित किया है और प्रधानमंत्री देश के नेतृत्व करते हैं और सरकार की नीतियों और निर्णयों का निर्माण करते हैं। इस लेख में हम भारतीय प्रधानमंत्रियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में बात करेंगे।
भारतीय प्रधानमंत्रियों के नाम (Names of Indian Prime Ministers)
- जवाहरलाल नेहरू (1947-1964)
- गुलज़ारीलाल नंदा बज़ार (1964-1966)
- लाल बहादुर शास्त्री (1964-1966)
- इंदिरा गांधी (1966-1977, 1980-1984)
- मोरारजी देसाई (1977-1979)
- चरण सिंह (1979-1980)
- राजीव गांधी (1984-1989)
- वी. पी. सिंग़ (1989-1991)
- चंद्रशेखर (1990-1991)
- पी. वाजपेयी (1996, 1998-2004)
- इंदिरा कुमार गुजराल (1997-1998)
- हरदासीन्घ शूरती (1996)
- अटल बिहारी वाजपेयी (1998-2004)
- मनमोहन सिंघ (2004-2014)
- नरेंद्र मोदी (2014-वर्तमान)
भारतीय प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल Indian prime minister’s tenure
जवाहरलाल नेहरू (1947-1964): जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उनकी कार्यकाल में भारत को आजादी मिली और वे देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिए।
गुलज़ारीलाल नंदा बज़ार (1964-1966): वे इंदिरा गांधी के पहले कार्यकाल में उप-प्रधानमंत्री रहे।
लाल बहादुर शास्त्री (1964-1966): वे भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे और नेहरू के बाद दूसरे प्रधानमंत्री थे। उनकी कार्यकाल में वे भारत-पाकिस्तान युद्ध का सामना करना पड़ा।
इंदिरा गांधी (1966-1977, 1980-1984): इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। उनकी कार्यकाल में उन्होंने गरीबी हटाओ अभियान की शुरुआत की और विभिन्न सामाजिक और आर्थिक सुधारों को प्रवर्तित किया।
मोरारजी देसाई (1977-1979): वे भारत के प्रधानमंत्री रह चुके एकमात्र अटल बिहारी वाजपेयी के बाद गैरकार्यकारी प्रधानमंत्री थे।
चरण सिंह (1979-1980): वे भारत के प्रधानमंत्री रह चुके पहले असम्मित संघर्ष मोर्चा (जनता दल) के एक सदस्य थे।
राजीव गांधी (1984-1989): वे इंदिरा गांधी के बाद कार्यकाल में प्रधानमंत्री रहे। उनकी कार्यकाल में वे देश के आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की।
वी. पी. सिंग़ (1989-1991): वी. पी. सिंग़ ने एक कार्यकारी कार्यकारी प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया और देश के विकास में योगदान दिया।
चंद्रशेखर (1990-1991): वे भारतीय संघ के प्रधान संचालक रहे और उपभोक्ताओं की समस्याओं को सुलझाने के लिए कई उपाय अपनाए।
पी. वाजपेयी (1996, 1998-2004): पी. वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री रह चुके थे और उनकी कार्यकाल में वे देश के विकास के लिए कई सुधारों को प्रवर्तित किया।
इंदिरा कुमार गुजराल (1997-1998): वे मनमोहन सिंघ की प्रशासनिक सहायक प्रधानमंत्री रहीं।
हरदासीन्घ शूरती (1996): वे भारत के प्रधानमंत्री रह चुके केदारनाथ साहू के बाद गैरकार्यकारी प्रधानमंत्री थे।
अटल बिहारी वाजपेयी (1998-2004): वे भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी कार्यकाल में वे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिए।
मनमोहन सिंघ (2004-2014): मनमोहन सिंघ भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी कार्यकाल में वे देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कई कदम उठाए।
माननीय नरेंद्र मोदी (2014-वर्तमान): नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। उनकी कार्यकाल में वे विकास, आर्थिक सुधार, नवाचार, और विदेशी नीति में बदलाव को प्रोत्साहित करते हैं।
निष्कर्ष
इस लेख में हमने Indian Prime Ministers भारतीय प्रधानमंत्रियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में चर्चा की। हर एक प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में देश के विकास में योगदान दिया है और विभिन्न मुद्दों पर संघर्ष किया है। भारतीय राजनीति की इस लंबी सूची में से प्रत्येक प्रधानमंत्री ने देश को अपनी अद्वितीय पहचान दी है।
सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- कितने भारतीय प्रधानमंत्री हुए हैं?
अब तक भारत में 15 प्रधानमंत्री रह चुके हैं।
- कौन थे भारत के पहले प्रधानमंत्री?
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे।
- कौन हैं वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री?
वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
- किस प्रधानमंत्री ने गरीबी हटाओ अभियान शुरू किया?
इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ अभियान की शुरुआत की थी।
- कौन सा प्रधानमंत्री सबसे लंबे समय तक पद पर रहा?
अटल बिहारी वाजपेयी ने सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद पर रहा।
भारतीय राष्ट्रपति के नाम और कार्यकाल(Name and tenure of Indian President)
संक्षेप में
- प्रस्तावना
- भारतीय राष्ट्रपति का महत्व
- पहले राष्ट्रपति: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
- वर्तमान राष्ट्रपति: श्री रामनाथ कोविंद
- अन्य पूर्व राष्ट्रपति
प्रस्तावना
भारतीय गणतंत्र में राष्ट्रपति एक महत्वपूर्ण पद है। राष्ट्रपति देश के सर्वोच्च संविधानिक पदाधिकारी होते हैं और उनके कार्यकाल के दौरान वे देश के नेतृत्व करते हैं। इस लेख में, हम सारे भारतीय राष्ट्रपतियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में चर्चा करेंगे।
भारतीय राष्ट्रपति का महत्व
भारतीय राष्ट्रपति एक महत्वपूर्ण गणतंत्र संसदीय पद है, जो भारतीय संविधान के अनुसार स्थापित किया गया है। राष्ट्रपति का पद उत्कृष्टता, गौरव, और सभ्यता के प्रतीक के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्हें देश की संविधानिक एवं कार्यात्मक संरचना के अधीन कई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं, जिनकी अभिवृद्धि और सुविधाजनक उपयोग के माध्यम से वे देश के प्रगति और विकास का समर्थन करते हैं।
पहले राष्ट्रपति: डॉ. राजेंद्र प्रसाद
डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय गणतंत्र के पहले राष्ट्रपति थे। उनके कार्यकाल दिसंबर 1950 से मई 1962 तक थे। वे महान भारतीय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पदारोहण के दौरान उन्होंने देश की संविधानिक मोशन को प्रभावशाली ढंग से निर्धारित किया और उन्होंने भारत को एक नया दिशा-निर्देश दिया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक समर्पित राष्ट्रवादी, शिक्षावादी, और सामाजिक सुधारक थे।
वर्तमान राष्ट्रपति: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, भारत की सबसे ऊची पद के मालिक हैं। उन्होंने २५ जुलाई, २०१९ को भारतीय राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला था। यह उन्हीं का द्वितीय कार्यकाल है और वे भारतीय राजनीति में गर्व की स्थान रखती हैं।
अन्य पूर्व राष्ट्रपति
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (मई 1962 – मई 1967)
- डॉ. ज़किर हुसैन (मई 1967 – अगस्त 1969)
- वाराहगिरी वेंकट गिरि (अगस्त 1969 – अगस्त 1974)
- फ़ाख़रुद्दीन अली अहमद (अगस्त 1974 – फ़रवरी 1977)
- नीलम संजीव रेड्डी (जुलाई 1977 – जुलाई 1982)
- ग्यानेश्वरम वेंकटकृष्ण शास्त्री (अगस्त 1982 – जुलाई 1987)
- ज़ैनुलाभिदीन आहमद (जुलाई 1987 – जुलाई 1992)
- डॉ. शंकर दयाल शर्मा (जुलाई 1992 – जुलाई 1997)
- कृष्ण कांत (जुलाई 1997 – जुलाई 2002)
- एपीजे अब्दुल कलाम (जुलाई 2002 – जुलाई 2007)
- प्रतिभा पाटील (जुलाई 2007 – जुलाई 2012)
- प्रणब मुखर्जी (जुलाई 2012 – जुलाई 2017)
- श्री रामनाथ कोविंद (जुलाई 2017 -जुलाई 2022)
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (जुलाई 2022-वर्तमान)
समाप्ति
इस लेख में हमने सारे भारतीय राष्ट्रपतियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में जानकारी दी है। भारतीय राष्ट्रपति पद देश की संविधानिक और राष्ट्रिय स्थापना का महत्वपूर्ण हिस्सा है और राष्ट्रपतियों के योगदान द्वारा देश का विकास और प्रगति होती है। हर एक राष्ट्रपति ने अपने कार्यकाल के दौरान देश के हित में योगदान दिया है। भारतीय राष्ट्रपति पद पर कार्यरत रहने वाले सभी महान व्यक्तियों का यह योगदान देश और उनके नागरिकों के लिए अमूल्य है।

भारतीय उपराष्ट्रपति के नाम और कार्यकाल(Name-Name and tenure of Indian Vice-President)
उपराष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुसार देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक होते हैं। वे देश की सर्वोच्च पदाधिकारी राष्ट्रपति के साथ उपाधि सम्पन्न करते हैं। उपराष्ट्रपति द्वारा कार्यकाल भारतीय राजनीति और सार्वजनिक जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है। इस लेख में हम सारे उपराष्ट्रपतियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में बात करेंगे।
भारतीय उपराष्ट्रपति के नाम और कार्यकाल
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1952-1962)
- डॉ. ज़ाकिर हुसैन (1962-1967)
- वर्धमानेश्वरी देवी (1967-1969)
- गोपाल स्वारूप बल्ला (1969-1974)
- बीडबी मोदी (1974-1979)
- मोहम्मद हबीबुल्लाह (1979-1984)
- रामस्वरूप ने (1984-1987)
- वेंकटरमन श्रीनिवासन (1987-1992)
- शंकरदयाल शर्मा (1992-1997)
- कृष्ण कांत (1997-2002)
- भैरों सिंह शेखावत (2002-2007)
- मोहम्मद हामिद अंसारी (2007-2012)
- मोहम्मद हामिद अंसारी (2012-2017)
- वेंकैया नायडू (2017-2022)
- जगदीप धनखड़ (2022- वर्तमान)
निष्कर्ष
उपराष्ट्रपतियों का पद भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण है और उन्होंने अपने कार्यकाल में देश के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी योजनाएं और योगदान देश के विकास में महत्वपूर्ण रहे हैं। उपराष्ट्रपतियों की सूची और उनके कार्यकाल को समझना महत्वपूर्ण है ताकि हम उनके संघर्षों, साहसिक कार्यों और उपलब्धियों के बारे में अधिक सीख सकें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: क्या उपराष्ट्रपति का पद भारतीय संविधान में उल्लेखित है?
A1: हाँ, उपराष्ट्रपति का पद भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में उल्लेखित है।
Q2: उपराष्ट्रपति के चुनाव कैसे होते हैं?
A2: उपराष्ट्रपति के चुनाव भारतीय लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों द्वारा होते हैं।
Q3: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने साल का होता है?
A3: उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच साल का होता है।
Q4: उपराष्ट्रपति को किस पद के साथ अपना पदाधिकारी सम्पन्न करना पड़ता है?
A4: उपराष्ट्रपति को अपना पदाधिकारी सम्पन्न करने के साथ राष्ट्रपति के साथ अपना पदाधिकारी सम्पन्न करना पड़ता है।
Q5: क्या उपराष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान कोई शक्तियां होती हैं?
A5: नहीं, उपराष्ट्रपति को कार्यकाल के दौरान कोई कार्यक्षमताएं नहीं होती हैं। वे अपने कार्यों को संविधान के परिधियों के अनुसार निर्वहन करते हैं।
अब तक आपको प्रधानमंत्रि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपतियों के नाम और उनके कार्यकाल के बारे में विस्तृत जानकारी मिल चुकी है। ये सभी प्रधानमंत्रि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपतियों ने अपने कार्यकाल में देश के विकास और समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी प्रशंसा और सामर्थ्य को स्मरण रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए और उनके उदाहरणों का अनुसरण करना चाहिए।